राजा और भाग्य
राजा और भाग्य Rajaa Aur Bhagya |
नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है
आज की कहानी आपको बताएगी कि एक ही वक्त पर
पैदा हुए दो बच्चों का भाग्य अलग-अलग कैसा होता है
यानी कि अगर एक ही वक्त पर दो इंसान पैदा होते हैं
या दो भाई पैदा होते हैं तो एक भाई का आचरण कुछ अलग होता है
आज की कहानी आपको बताएगी कि एक ही वक्त पर
पैदा हुए दो बच्चों का भाग्य अलग-अलग कैसा होता है
यानी कि अगर एक ही वक्त पर दो इंसान पैदा होते हैं
या दो भाई पैदा होते हैं तो एक भाई का आचरण कुछ अलग होता है
एक भाई को कुछ अलग ही दुनिया मिलती है
यही सवाल एक बार एक राजा के मन में आया और राजा ने भरी सभा में
जहां पर बड़े-बड़े विद्वान बैठे हुए थे उन सभी से एक ही प्रश्न किया कि
आप मुझे बताइए कि एक ही समय पर पैदा होने वाले बच्चों का भाग्य
अलग अलग कैसे होता है ????
उन्होंने बताया कि जिस वक्त
मैं पैदा हुआ उस वक्त अनेकों बच्चे पैदा हुए थे तो मेरे ही भाग्य में
उन्होंने बताया कि जिस वक्त
मैं पैदा हुआ उस वक्त अनेकों बच्चे पैदा हुए थे तो मेरे ही भाग्य में
राजा बनना क्यों लिखा हुआ था एक विद्वान बीच में से खड़े हुए और
उन्होंने कहा कि इस बात का जवाब आपको यहां से कोसों दूर पहाड़ी पर एक साधु रहता है और वह आपको बता सकते हैं वह महात्मा तपस्या करते हैं वह बता सकते हैं
अब राजा की मन में उत्सुकता थी सब कुछ जानने के बारे में और
राजा वहाँ वहां चले गए और उन्होंने देखा कि वह महात्मा आग में से अंगार को पकड़ कर खा रहे हैं
तो उन्होंने सवाल किया कि महात्मा जी मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि
तो उन्होंने सवाल किया कि महात्मा जी मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि
एक ही वक्त पर पैदा हुए बच्चों का भाग्य अलग अलग कैसे होता है तो
उन्होंने उस पर गुस्सा किया
और बोले चले जाओ यहां से
जो पास में झरना बह रहा है वहां पर तुम्हें एक महात्मा मिलेंगे उनसे तुम यह सवाल पूछ लेना
और बोले चले जाओ यहां से
जो पास में झरना बह रहा है वहां पर तुम्हें एक महात्मा मिलेंगे उनसे तुम यह सवाल पूछ लेना
अब वह राजा उन महात्मा के पास चला गया तो वह महात्मा जो थे
वह अपना ही मांस नोच के खा रहे थे यानी कि अपना ही मांस
निकाल कर खा रहे थे राजा से ऐसे देखा नहीं गया
फिर भी राजा ने अपने आप को रोकते हुए यह सवाल पूछ डाला तो वह
फिर भी राजा ने अपने आप को रोकते हुए यह सवाल पूछ डाला तो वह
महात्मा बहुत गुस्सा हुए की इस तरीके का सवाल दोबारा मत पूछना चले जाओ यहां से
बगल के गांव में एक बच्चा है चार पांच साल का और वह मरने वाला है तो तुम्हें बता सकता है
राजा के मन में उत्सुकता थी जानने की,
बगल के गांव में एक बच्चा है चार पांच साल का और वह मरने वाला है तो तुम्हें बता सकता है
राजा के मन में उत्सुकता थी जानने की,
क्योंकि सवाल बहुत जबरदस्त था तो राजा उस बच्चे के पास चला गया और
उस बच्चे के माता-पिता सभी वहां बैठे हुए थे तो उस बच्चे से भी राजा ने यही सवाल किया कि
तुम मुझे बता सकते हो कि एक ही वक्त पर पैदा हुए बच्चों का भाग्य अलग अलग कैसे होता है तो
बच्चा मुस्कुराया और बच्चे ने बोला कि मैं
आपको बताता हूं कि पिछले जन्म में हम तीनों आपके भाई रहे हैं जो
तुम मुझे बता सकते हो कि एक ही वक्त पर पैदा हुए बच्चों का भाग्य अलग अलग कैसे होता है तो
बच्चा मुस्कुराया और बच्चे ने बोला कि मैं
आपको बताता हूं कि पिछले जन्म में हम तीनों आपके भाई रहे हैं जो
महात्मा अंगार निकाल कर खा रहे थे
जो आपको दिखा अपना ही मास खा रहे थे और मैं
जो आपको दिखा अपना ही मास खा रहे थे और मैं
हम चारों पिछले जन्म में भाई थे
और जंगल में एक बार हम हमने रोटियां बनाई थी
जब हम रोटियां खाने वाले थे तभी एक साधु आए थे और उन्होंने कुछ मांगा था
और जंगल में एक बार हम हमने रोटियां बनाई थी
जब हम रोटियां खाने वाले थे तभी एक साधु आए थे और उन्होंने कुछ मांगा था
कि कि उन्हें भी भूख लगी हुई थी सब के पास एक एक रोटी थी तो सबसे पहले
उन्होंने अंगार वाले साधु से रोटी मांगी तो साधु ने मना कर दिया कि अगर मैं
तुम्हें रोटी दूंगा तो क्या मैं अंगार खाऊंगा
दूसरा उन्होंने मांसवाले साधु से कहा कि मुझे रोटी चाहिए बाबा तो उन्होंने
दूसरा उन्होंने मांसवाले साधु से कहा कि मुझे रोटी चाहिए बाबा तो उन्होंने
कहा कि अगर मैं तुम्हें रोटी दूंगा तो मैं क्या मांस खाऊंगा
और मैंने भी मना कर दिया कि मैं तुम्हें रोटी नहीं दे सकता और चौथे तुम थे कि
तुम्हारे पास एक रोटी थी और तुमने आधी रोटी उन महात्मा को दी और उन्होंने अपना पेट भरा
बाकी को श्राप मिला और तुम्हे आशीर्वाद मिला
बाकी को श्राप मिला और तुम्हे आशीर्वाद मिला
मर्म की बात यह थी आप के आज के जो अच्छे कर्म है उसका नतीजा
आपको जरूर आगे के जन्मों में मिल सकता है आज आप क्या करते हैं
तो दोस्तों यही एक कारण था वह राजा था
उसका जो प्रश्न था उसका जवाब मिल चुका था कि एक ही वक्त पर पैदा हुए
तो दोस्तों यही एक कारण था वह राजा था
उसका जो प्रश्न था उसका जवाब मिल चुका था कि एक ही वक्त पर पैदा हुए
बच्चों का भाग्य अलग अलग कैसे होता है दोस्तों कुल मिलाकर बात यही है कि
आपका कर्म यह बताता है कि आप कितना आगे जाएंगे आपको अगले
जन्म में क्या मिलने वाला है इसलिए अच्छे अच्छे कर्म करिए
दोस्तों लोगों की मदद करिए हमेशा स्वार्थी मत रहिये
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि यह कहानी आपको अच्छी लगी होगी दोस्तों
अगर आप चाहते हो कि आपको और भी कहानियां मिले तो
आप बिल्कुल सही जगह पर हो यहां पर आपको
मोटिवेशन से भरपूर कहानियों का संग्रह मिलेगा जो कि आपको
दिन-ब-दिन लाइफ में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा और
आपको असीमित ऊर्जा से भर देगा
दोस्तों इस कहानी को पढ़ने के लिए और अपना अमूल्य और
दोस्तों इस कहानी को पढ़ने के लिए और अपना अमूल्य और
बेशकीमती समय देने के लिए दिल से आपका
शुक्रिया
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राजा और भाग्य Rajaa Aur Bhagya
Reviewed by Admin
on
June 25, 2024
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